भाभी जवान, देवर पहलवान » हिंदी सेक्स कहानियाँ

काफी मस्त शीर्षक है इस कहानी का | ये वास्तव मे एक सच्ची कहानी है, जो मेरी जिन्दगी से जुड़ी हुई है | शादी के कुछ महीनो के बाद मेरे अपने देवर के साथ नाजायज संभंद हो गये थे और हम दोनों ही हवस की धारा मे बहते हुए चले गये | अब तो इस बात को भी काफी समय हो गया है और हम समय रहते ही संभल गये थे | मै अब दो बच्चो की माँ हु और मेरे देवर की भी शादी हो चुकी है और हम दोनों ही अपनी-अपनी जिन्दगी मे खुश है | बात मेरी शादी के कुछ महीनो के बाद की है, मेरे पति विदेश मे नौकरी करते थे और शादी के १ साल तक उनकी माँ ने मुझे उनके साथ भेजने के लिए मना कर दिया था | उनके पास १ महीने की छुट्टी थी, तो वो १ महीने बाद विदेश काम पर वापस चले गये | उस १ महीने मे, मुझे मेरे पति ने हर रात को मस्त तरीके से चोदा था और दिन मे अगर मौका मिलता, तो वो उस मौके को हाथ से नहीं जाने देते थे | मेरी चूत को लंड की आदत लग चुकी थी और पति के जाने के बाद, मुझे हर रात काफी भारी पड़ती थी | घर मे मेरे सास-ससुर के अलावा मेरा एक देवर भी थे | वो मेरे पति से सिर्फ २-३ साल ही छोटे थे और उनको जिम का शौक था, जिम के शौक की वजह से उनका शरीर काफी गठीला और कसा हुआ था | वैसे तो, मेरे आने के बाद उनको बिना कपडे पहने घर मे घुमने का आज्ञा नहीं थी, लेकिन वो कभी-कभी कमीज़ पहना भूल जाते थे या निकर मे ही बाहर निकल जाते थे |मेरी हवस कितनी ज्यादा बड़ चुकी थी, कि मैने अपने देवर को ही बुरी नजर से देखना शुरू कर दिया | उनकी मजबूत बाहों को, जब मै अपने शरीर पर महसूस करती; तो मेरे शरीर मे झुरझुरी दौड़ जाती थी | उनकी मजबूत टांगो के बीच मे, मै उनके मोटे और बड़े लंड को अपने सपने मे देखती थी | मेरे देवर को मेरे ऊपर शक होने लगा था, लेकिन वो कुछ बोलते नहीं थे | मुझे अपनी काम पिपासा को शांत करने का नया साधन मिल गया था, मैने रात को बाथरूम मे जाकर गाज़र और मूली से अपनी चूत को चोदना शुरू कर दिया था | हम लोगो का बाथरूम बाहर आँगन मे था, तो किसी को पता नहीं चल सकता था, कि वहा क्या हो रहा है? उसी के बगल मे, हमारा संडास भी था | एक रात को, मै बाथरूम मे थी, जमीन पर नंगी लेटी हुई थी और पानी चल रहा था और मेरी चूत मे, एक मूली घुसी हुई थी और मै उसको आगे-पीछे करके अपने आप को चोद रही थी | मेरे देवर जी को उस दिन लेट्रिन की हुड़क लगी होगी और वो संडास आ गये थे | जब वो सब कुछ करके बाहर निकले, तो उन्हें पानी के और मेरी आवाज़ सुनायी दी | वो बाथरूम मे आये और दरवाजा खोल दिया | उनके सामने, मै नंगी होकर और पैर खोलकर अपने आप को मूली से चोद रही थी |ये सब देखकर उनकी आँखों मे चमक आ गयी और उन्होंने वही अपने सारे कपडे उतार फेके और मेरे पास आ गये | उनको देखकर मेरी आँखों मे चमक आ गयी और मै उनको देखकर मुस्कुराने लगी | उन्होंने मेरे हाथो को अपने हाथो मे ले लिया और मुझे ऊपर खीच लिया और मुझे दिवार से टिकाकर मेरे नंगे शरीर से चिपक गये | उन्होंने अपने होठ मेरे होठो पर रख दिये और अपनी जीभ को मेरे मुह के अन्दर घुसाकर वो मेरे होठो को मस्ती मे चूमने लगे | मेरे चुचे उनकी छाती मे धसे हुए थे और उनका लंड बड़ा होकर मेरी चूत के दरवाजे पर टक्कर मार रहा था | उनके चूसने से मेरे मुह से मस्त कामुक आवाज़े निकल रही थी और मेरा भीगा शरीर, मस्ती मे हिल रहा था | मेरी रह रह कर मेरी गांड मस्ती मे आगे आ रही थी और मेरी चूत पर उनके लंड की टक्कर बड़ी जोरदार पढ़ रही थी | उन्होंने, मेरे मुह को चुसना छोड़, अब मेरी गर्दन और भीगे बदन को चुसना शुरू कर दिया और मेरे चूचो को अपने हाथो से दबाना शुरू कर दिया और मेरे निप्पलो को अपने दातो से काटने लगे | फिर, मै अपने घुटनों पर आ गयी और देवर जी के लंड को अपने मुह मे घुसा लिया और अपने होठो को उनके लंड के इर्द-गिर्द फसा लिया और उनके लंड को दबा के चूसने लगी | मेरी इस हरकत से, उनको मस्ती छाने लगी और उन्होंने अपने गांड हिलाकर अपने लंड को और मेरे मुह के अन्दर और जोर से घुसना शुरू कर दिया |हम दोनों ही काफी मस्ती मे आ चुके थे और दोनों से अब और नहीं रहा और सहा जा रहा था | मै जमीन पर बैठ गयी और अपने पैर खोल दिये | देवर जी, मेरे ऊपर आ गये और उन्होंने अपना लंड मेरी चूत के ऊपर लगा दिया और अपनी गांड को आगे की ओर एक जोरदार धक्का मारा | उनका लंड और मेरी चूत, दोनों ही काफी गीले हो चुके थे और इसलिए उनका एक ही बार मे, मेरी चूत मे जाकर समा गया | वो जोर-जोर से धक्के मार रहे थे और हम दोनों के शरीर टकराने की आवाज़ पूरी बाथरूम मे गूंज रही थी और हम दोनों की ही कामुक आवाज़े उस माहौल को और मस्त बना रहे थे | मेरे देवर जी ने मुझे पुरे आधा घंटा चोदा और अपना सारा वीर्य मेरे ही अन्दर छोड़ दिया | उनके वीर्य से मेरी चूत भर गयी थी और मेरी पूरी हवस मिट चुकी थी | हम दोनों ही थककर जमीन पर गिर पड़े और साथ मे ही सो गये | सुबह सबके उठने से पहले हम दोनों अपने-अपने कमरों मे चले गये और सो गये | सुबह, मै बहुत खुश थी और मेरा सारा दिन काफी अच्छा निकाला | रात को देवर जी ने मुझे बाहर चोदा और काफी मस्ती की | मेरे दोनों बच्चो मे, एक बच्चा मेरे देवर जी का है और ये बात किसी को नहीं मालूम, मेरे देवर को भी नहीं | कुछ सालो बाद उनकी शादी तय हो गयी और मेरे पति भी वापस आ गये; तो हम दोनों ने सब कुछ भूलने का निश्चय किया और अपनी-अपनी जिन्दगी मे घुलमिल गये |

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